देवी कम ‘श्रीदेवी’ ज्यादा लगती हैं
बहुत ही अजीब हालात हैं इस देश के। एक बाबा से निजात मिलती नहीं की दूसरा पैदा हो जाता है। लूटने के लिए। हां मैं बात कर रहा हूं, अभी पैदा नहीं हुई परंतु मीडिया द्वारा पैदा की गई एक देवी श्रधेय श्री राधे मां की। जो देवी कम ‘श्रीदेवी’ ज्यादा लगती हैं.। इनके भक्तों का कहना है कि यह चमत्कारी देवी है। इनके दर्शन मात्र से लोगों का उद्धार हो जाता है।
वैस अभी वक्त है लोगों को संभलने का, नहीं तो यह भी निर्मल बाबा की तरह लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुकी होगी। क्योंकि हमारा मीडिया किसी को जमीन से शिखर तक तथा किसी को भी शिखर से जमीन तक ला सकने में अहम भूमिका निभा सकता है। जैसा हाल ही में 1 जून से केवल नाम में परिवर्तित चैनल इनकी महिमा मंडन कर रहा है। शायद इस तथाकथित चमत्कारी देवी द्वारा कुछ माया के दर्शन इस चैनल को हो गये होंगे। हालांकि अभी एक मीडिया चैनल द्वारा इनके चमत्कारों को दिखाने का काम जोर-शोर से चल रहा है जैसे ही इस देवी की कृपा दूसरे मीडिया संस्थानों को हो जायेगी वैसे ही अन्य चैनलों पर भी यह प्रकट हो जायेंगी।
इस परिप्रेक्ष्य में कहा जाये तो अभी वक्त है चेतने का। और इन ढ़ोंगी पाखंडी बाबाओं से और इस तरह की तथाकथित देवियों से, अपने देश को बचाने का। मुझें एक बात अभी भी समझ में नहीं आती कि क्या नेता कम पड़ गए थे इस देश को लूटने के लिए, जो अब दिन प्रतिदिन कुकुरमुत्तों की तरह धर्म के नाम लूटने के लिए पैदा होने लगे हैं।
हालांकि अभी कुछ दिनों पूर्व मीडिया की सुर्खियों में बने रहने वाले बाबा यानि निर्मल बाबा को कोर्ट से गिरफतारी का वारंट आ चुका है। वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों को यह आदेश दिए हैं कि इस बाबा के जितने भी प्रचार-प्रसार जिन चैनलों पर हो रहे हैं उनको तात्कालिक प्रभाव से पूर्णरूप से रोक दें। यही काम इस देवी के साथ भी होना चाहिए। जागो इंडिया जागो।
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