Wednesday, November 30, 2011

बेजान के हाथों में देश की कमान

बेजान के हाथों में देश की कमान

देश की राजनीति इतनी गंदी हो गयी है कि सभी नेतागण अपने स्वार्थ के लिए भारत में भिन्न-भिन्न प्रकार के कानून पारित कर देते हैं। जो सरकारी कर्मचारियों के लिए है न कि, उनके लिए? भारत द्वारा बनाया गया नौकरी एक्ट व कानून जिसमें 60 वर्ष के व्यक्तियों को सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। सरकार यह सोचती है कि उसमें कार्य करने की क्षमता नहीं बची, वो कोई काम करने में असमर्थ हो चुके हैं। इसलिए उन कर्मचारियों को 60 वर्ष पूरे होने के बाद सेवानिवृत्ति दे दी जाती है। क्योंकि भारत सरकार यह सोचती है कि जो वह पिछले 30 या 40 साल से काम कर रहा है अब नहीं कर सकता।
वहीं आज देखा जाए तो सभी पार्टियों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के नेता सत्ता संभाले हुए हैं जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मायावती और मुलायम सिंह, इसके साथ-साथ लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, अर्जुन सिंह यहां तक कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल आदि अनेक नेता 55 से 65 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं। और वो हमारे भारत को अपने हिसाब से चला रहे हैं। उनके लिए कहावत है- ‘‘जब जागो, तब सबेरा’’। अगर कहा जाए तो इनमें से कुछ तो इतने कमजोर हो गए हैं कि बिना किसी के सहारे के एक कदम भी नही चल सकते। यह कहना गलत नहीं होगा कि वो क्या देश चलायेंगे जिन्हें चलने के लिए सहारे की जरूरत होती है। यदि देश को चलाने वाले 60 वर्ष से अधिक हो सकते हैं तो देश में कार्य कर रहे लोगों की उम्र 60 से अधिक क्यों नहीं हो सकती?

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